रविवार, 25 नवंबर 2012

''....तोरी कृष्णा प्रीत मोहे भांवरी बनाए रे....''





तोरी कृष्णा प्रीत मोहे भांवरी बनाए रे
चैन ना आए मोहे चैन ना आए रे

सब जग रूठा , सब बंधन झूठा
तू ही मुझे घड़ी घड़ी अपना बनाए रे

तोरी कृष्णा प्रीत मोहे भांवरी बनाए रे
चैन ना आए मोहे चैन ना आए रे

रिश्ते काहे के , नाते काहे के
तुझसे से ही नाता मेरा जुड़ता जाए रे

तोरी कृष्णा प्रीत मोहे भांवरी बनाए रे
चैन ना आए मोहे चैन ना आए रे

राधा सी प्रीत दे दे,मीरा सी दीवानगी
तेरा ही रंग मोह पे चड़ता जाए रे

तोरी कृष्णा प्रीत मोहे भांवरी बनाए रे
चैन ना आए मोहे चैन ना आए रे

2 टिप्‍पणियां:

  1. DIDI
    Bahut hi achchi rachana h
    JAI JAI SHREE RADHE+KRISHNA.........
    RAAH DE KRISHNA
    RAAH DIKHA DE KRISHNA...........

    Bas aise hi likh-likh ke marg-prashat karti rahe.....
    AAPKI kalam kabhi ruke nahi AAPKA seesh kabhi jhuke nahi

    जवाब देंहटाएं
  2. भरत, शुक्रिया !आपको मेरा भजन पसंद आया
    ऐसे ही हौंसला बढ़ाते रहें!

    जवाब देंहटाएं

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